साप्ताहिक ज्ञानपत्र 339
11 जनवरी, 2002
ऑस्टिन टेक्सेस
यूनाइटेड स्टेटस
मूर्खता से परेशान मत हो
सच में तुम्हें क्या बात परेशान करती है? वह मूर्खता है न जो तुम्हारे आस-पास हो रही है? मूर्खता से परेशान होना स्वयं में मूर्खता है। मूर्खता न ही ज्ञान पर हावी हो सकती है या ज्ञान को नष्ट कर सकती है और न ही वह अधिक समय तक टिकती है। जब तुम ज्ञान में नहीं रमे होते हो तब तम्हें मूर्खता परेशान करती है, और तुम्हारे सन्तुलन को बिगाड़ देती हैं।
जब तुम मूर्खता हो जाने के लिए थोड़ा स्थान छोड़ देते हो तब तुम उससे परेशान नहीं होते बल्कि मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाते हो। अन्यथा मूर्खतापूर्ण कार्यों से तुम्हारे भीतर क्रोध, तनाव या द्वेष पैदा हो जाता है। जब तुम यह जान जाते हो कि सत्य शाश्वत और अजेय है तब तुम मूर्खता को एक परिहास समझकर स्वीकार करते हैं और उससे विचलित नहीं होते।
जो लोग मूर्खता के विरुद्ध हैं या उससे चिढ़ते हैं वे मूर्खों के क्लब के सदस्य हैं। सावधान! अपना पंजीकरण नहीं करना।
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