December 29, 2008

श्री श्री का ईराक के शांति कार्यक्रम में सम्बोधन


श्री श्री ने अपने ईराक शांति कार्यक्रम में कहा - दूसरों के आँसुओं को पोछना हम सभी का कर्तव्य है । 

 

बैंगलोर, दिसंबर २३, २००८.

 

आध्यात्मिक तथा मानवीय मूल्यों के प्रेरक तथा आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता, परम पूज्य श्री श्री रविशंकर राजनैयिक तथा धार्मिक प्रमुखों के साथ अपने शांति कार्यक्रम के अंतर्गत तीन दिन की ईराक प्रवास पर हैं । वह युद्ध से क्षत इस देश में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा चलाए जा रहे मानवीय कार्यक्रमों का भी अवलोकन करेंगे ।

 

 बगदाद पहुँच कर श्री श्री ने शीया राजनैतिक परिषद के प्रमुख, माननीय हुसैन अल मुसावी से भेंट की । शिया प्रमुख ने श्री श्री से उनके द्वारा चलाए जा रहे, हितकारी कार्यक्रमों को जारी रखने तथा विषेशतः भारत से और अधिक चिकित्सकों को ईराक भेजने का आग्रह किया, जिनकी आज इराक में कमी है । जिसे श्री श्री ने स्वीकार किया ।  संस्था ने २००३ में युद्ध के तत्काल बाद ही बहुत से चिकित्सकों को भारत से भेजा था । श्री श्री ने कहा, ईराक के लोगों ने बहुत त्रासदी सही है । आर्ट ऑफ लिविंग संस्था, लोगों से तनाव कम करने/दूर करने के सहायता कार्यक्रमों को जारी रखेगी, तथा ईराक के लोगों को प्रशिक्षित करेगी जिससे वे सभी सशक्त बनें । हम सभी ईराकियों को आनंदित देखना चाहते हैं ।  

 

तत्पश्चात श्री श्री आर्ट ऑफ लिविंग महिला सशक्तिकरण प्रशिक्षण शिविर गए तथा महिलाओं को सिलाई आदि के प्रशिक्षण के लिए दी जा रही विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन भी किया ।

 

शाम को उन्होंने ईराकी राष्ट्रीय काँग्रेस के सभापति तथा ईराक के पूर्व उपप्रधानमंत्री  माननीय अहमद चलाबी के आतिथ्य में आयोजित निजी रात्रिभोज में भाग लिया तथा ईराकी युवाओं की सहायता के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की । श्री श्री कल महिलाओं तथा युवाओं के सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिए, युवा मंत्रालय के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे ।

 

अपने तीन दिन के प्रवास में श्री श्री ईराक के उपप्रधानमंत्री, युवा, स्वाथ्य तथा न्याय मंत्री एवं प्रबुद्ध धार्मिक नेताओं से भी मिलेंगे । वे कर्बला भी जाएंगे जहाँ वे क्षेत्र के राज्यपाल से मिलेंगे ।


मई २००७ में अपनी ईराक यात्रा के दौरान श्री श्री प्रधान मंत्री के अतिथि के रूप में ग्रीन ज़ोन में रहे थे । इस बार उन्होंने रेड ज़ोन में रहने का निर्णय किया ताकि जनसामान्य आसानी से उन्हें मिल सकें ।

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